69000 TEACHER BHARTI सुप्रीम कोर्ट आरक्षण मामला आज कोर्ट में फाइनल

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69000 TEACHER BHARTI सुप्रीम कोर्ट, आरक्षण मामला आज कोर्ट में फाइनल, – 69000 शिक्षक भर्ती आरक्षण मामला हाईकोर्ट होते हुए सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है, जिसकी सुनवाई आज सुप्रीम कोर्ट में होनी है, देखना है,कि आज फाइनल डिसीजन आता है, या नहीं आता है, इसके लिए पूरी जानकारी जानते हैं, क्या है 69000 शिक्षक भर्ती का पूरा मामला

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69000 TEACHER BHARTI आरक्षण का पूरा मामला

69000 शिक्षक भर्ती उत्तर प्रदेश में सन 2018 में निकल गई थी, कोर्ट के चक्कर लगा लगा कर यह लगभग 2020 में पूरी हुई लेकिन आरक्षण के मामले में धांधलीकरण का आरोप एससी और ओबीसी कैंडिडेट ने लगाया SC तथा ओबीसी कैंडिडेट ने आरोप लगाया है, कि उनके 20000 पदों पर जनरल के छात्रों को रख दिया गया है, इसी को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में लड़ाई चली यह लड़ाई अभी तक चल रही है,आरक्षण के पक्षधर डबल ब्रांच में जीतने के बाद फाइनल में केस हार गए लेकिन अब यह पूरा मामला सुप्रीम कोर्ट चला गया है, सुप्रीम कोर्ट में आज इसकी सुनवाई है, देखना यह है, की छात्रों को आरक्षण का लाभ मिलता है,और या नहीं,

69000 teacher bharti क्या चयन सूची रिवाइज होगी-

सूत्र के वाले सामान की जानकारी के अनुसार यदि सरकार आरक्षण का मामला सुप्रीम कोर्ट में अच्छे से रख पाती है, तो छात्रों को शायद न्याय मिलेगा और जल्दी ही छात्र नौकरी पर लौटेंगे प्रयास लगाए जा रहे हैं, कि क्या पूरी चयन सूची रिवाइज हो सकती है, क्योंकि उत्तर प्रदेश में 69000 शिक्षक भर्ती में आरक्षण धांधली के आरोप है,

आरक्षण धांधली बहुत ही बड़े स्तर पर हुई है, लगाए गए,

कई मामले ऐसे पकड़े गए थे डेढ़ सौ प्रश्नों से डेढ़ सौ प्रश्न छात्रों में हल किए थे, यह कैसे किया की सब कैसे हुआ आज तक इस सब का पता नहीं चलता है,

69000 शिक्षक भर्ती मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में सरकार से कहा था कि आप जैसे भी हो इन 5000 टीचरों की लिस्ट हो या तो आप ज्वाइन कर सकते हैं या आप पूरी लिस्ट को ही रिवाइज कर सकते हैं, लेकिन यह मामला सुप्रीम कोर्ट में काफी लंबे समय से अटका हुआ है आज की सुनवाई के बाद कुछ पता चलेगा आगे क्या होता है,

बार-बार विरोध करने के बाद 5000 ओबीसी छात्रों को सरकार द्वारा लिस्ट निकाली गई थी लेकिन विरोधी पार्टी में उसका विरोध किया और यह मामला सुप्रीम कोर्ट चला गया कहीं ना कहीं सरकार भी यदि 5000 छात्रों को रखना चाहती है, को रख सकती थी क्योंकि कोर्ट ने आदेश दे दिया था कि जैसे सरकार चाहेगी वैसे कर सकते हैं |

आज के लेख में बस इतना ही देखना है की आज क्या सुनवाई होती है|


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