PGT TGT UP TET EXAM NEWS|क्या समय पर हो पाएगी परीक्षा?शिक्षा सेवा चयन आयोग की चेयरपर्सन ने इस्तीफा दे दिया है।

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PGT TGT UP TET EXAM NEWS क्योंकि यहाँ से हमेशा ऑथेंटिक और निष्पक्ष खबर दी जाती है।आप अपनी राय कमेंट बॉक्स में लिखें और सरकार तक अपनी आवाज पहुँचाएँ।
अगर अब भी परीक्षाएं समय पर नहीं होती हैं, तो इसका खामियाजा केवल अधिकारियों को नहीं, बल्कि सरकार को भी भुगतना पड़ेगा।

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आज की बड़ी ब्रेकिंग न्यूज़ खासकर उन विद्यार्थियों के लिए है जो शिक्षा सेवा चयन आयोग की भर्तियों की तैयारी कर रहे हैं – चाहे वो TGT, PGT के छात्र हों, चाहे UPTET की तैयारी कर रहे हों, या Assistant Professor भर्ती के अभ्यर्थी हों।

बड़ी खबर ये है कि शिक्षा सेवा चयन आयोग की चेयरपर्सन प्रोफेसर कीर्ति पांडे ने इस्तीफा दे दिया है।
अब ये इस्तीफा उन्होंने खुद दिया है या उनसे लिया गया है – ये अलग मुद्दा है। लेकिन सवाल ये उठता है कि जब काम करने का इरादा ही नहीं था तो इतनी देर तक पद पर क्यों रहीं?

सच कहूँ तो लगातार यही मुद्दा उठाया जा रहा था कि शिक्षा सेवा चयन आयोग मीटिंग-ईटिंग और चीटिंग कर रहा है, भर्तियां नहीं करवा पा रहा है, और भर्ती प्रक्रिया में भ्रष्टाचार हो रहा है।

Assistant Professor भर्ती में पेपर लीक हुआ, सीटें बेची गईं – ये मुद्दा सबसे पहले उठाया गया।
फिर शीतल प्रसाद ओझा और कई छात्रों ने भी चेयरमैन और परीक्षा नियंत्रक के इस्तीफे की मांग की थी। युवा मंच ने भी जोरदार आंदोलन चलाया।

अब देखिए – आज बहुत लोग वीडियो बना रहे हैं कि “हमने सबसे पहले खबर दी।”
लेकिन सच ये है कि जब पेपर लीक हो रहा था, TGT-PGT परीक्षाएं स्थगित हो रही थीं, तब ये लोग चुप थे।
छात्र सड़क पर आंदोलन कर रहे थे, लाठीचार्ज सह रहे थे, और तब आयोग व प्रशासन पर दबाव बनाया जा रहा था।

आखिरकार, ये छात्रों की जीत है।
निकम्मे चेयरमैन और अफसरों का हटना जरूरी था। अब छात्रों की ये भी मांग है कि आयोग के अन्य अक्षम अधिकारियों और परीक्षा नियंत्रक को भी हटाया जाए और नए योग्य अधिकारियों की नियुक्ति हो।

आज शासन ने पत्र जारी कर दिया है।
पत्र में लिखा है कि प्रो. कीर्ति पांडे ने व्यक्तिगत कारणों से 22 सितंबर को त्यागपत्र दिया और शासन ने इसे स्वीकार कर लिया है।
अब आयोग के ज्येष्ठतम सदस्य को कार्यवाहक चेयरमैन बनाया गया है।
हालाँकि, कार्यवाहक चेयरमैन के पास पूरे वित्तीय और निर्णय लेने के अधिकार नहीं होंगे।
इसलिए जब तक स्थायी चेयरमैन नहीं आएगा, बड़े फैसले और परीक्षाओं पर असर पड़ता रहेगा।

यह खबर उन छात्रों के लिए बड़ा झटका है
जो पिछले 3-4 साल से भर्ती परीक्षाओं का इंतजार कर रहे थे।
नई भर्तियां भी अटकी हुई हैं।
शासन से यही अपील है कि इस भर्ती प्रक्रिया को जल्दी पूरा किया जाए।

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क्योंकि यहाँ से हमेशा ऑथेंटिक और निष्पक्ष खबर दी जाती है।
आप अपनी राय कमेंट बॉक्स में लिखें और सरकार तक अपनी आवाज पहुँचाएँ।
अगर अब भी परीक्षाएं समय पर नहीं होती हैं, तो इसका खामियाजा केवल अधिकारियों को नहीं, बल्कि सरकार को भी भुगतना पड़ेगा।


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