Teacher Vacancy in UP पर गरमाई राजनीति! सदन में उठा बड़ा सवाल – क्या स्कूल बंद करने जा रही है सरकार?

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“UP School Merger Policy और Teacher Vacancy in UP पर सदन में जोरदार बहस। जानें, मंत्री जी ने क्या दिया जवाब और क्या अब हर साल होगी नई शिक्षक भर्ती?”

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Teacher Vacancy in UP: सदन में गरमाई बहस, स्कूल मर्जर पॉलिसी पर उठे सवाल

लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा में बुधवार को Teacher Vacancy in UP और UP School Merger Policy को लेकर जमकर बहस हुई। विपक्षी सदस्यों ने आरोप लगाया कि प्रदेश में हर साल 15-20 हजार शिक्षक रिटायर हो रहे हैं, लेकिन नई भर्ती नहीं हो रही। वहीं, सरकार का दावा है कि छात्रों के नामांकन में लगातार बढ़ोतरी हो रही है और शिक्षक-छात्र अनुपात (Pupil-Teacher Ratio) राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप है।


विपक्ष का आरोप – स्कूल बंद और युवा बेरोजगार

सदन में प्रश्नकाल के दौरान विपक्षी विधायक अनिल प्रधान ने कहा कि प्रदेश में बेसिक शिक्षा की हालत खराब है। “आज युवा सड़कों पर आंदोलन कर रहे हैं, बेसिक स्कूल जर्जर हालत में हैं और नए भवन बनाने के बजाय सरकार स्कूलों को मर्ज या बंद कर रही है।”
उन्होंने मांग की कि IAS, IPS की तरह हर साल शिक्षकों की भर्ती अनिवार्य हो और 69000 शिक्षक भर्ती एवं जूनियर एडेड भर्ती जैसी लंबित प्रक्रियाओं को पूरा किया जाए।


मंत्री का जवाब – कोई स्कूल बंद नहीं, सिर्फ मर्जर

बेसिक शिक्षा मंत्री ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा –

“सरकार ने एक भी बेसिक शिक्षा विद्यालय बंद करने का निर्णय नहीं लिया है। केवल उन स्कूलों का मर्जर किया गया है, जिनमें 50 से कम छात्र हैं और 1 किलोमीटर के भीतर दूसरा स्कूल है।”

मंत्री ने बताया कि मर्जर के बाद खाली हुए भवनों में प्री-प्राइमरी (Play School) की शुरुआत होगी, जिसमें नर्सरी, LKG, UKG की कक्षाएं चलेंगी। इसके लिए विशेष ECCE Educators की संविदा पर नियुक्ति हो रही है।


शिक्षक-छात्र अनुपात पर सरकार का दावा

मंत्री के अनुसार,

प्राथमिक विद्यालय: 1 करोड़ 4 लाख 93 हजार 389 छात्र

कार्यरत शिक्षक: 3,38,590

शिक्षा मित्र: 1,43,450

उच्च प्राथमिक विद्यालय: 43 लाख 14 हजार 803 छात्र

कार्यरत शिक्षक: 1,20,860

अनुदेशक: 2,523

उन्होंने कहा कि प्राथमिक में 30:1 और उच्च प्राथमिक में 35:1 का अनुपात बनाए रखा गया है। मर्जर के बाद 50 छात्रों पर 2 सहायक अध्यापक और 1 शिक्षा मित्र की नियुक्ति होगी।


इंफ्रास्ट्रक्चर और नामांकन में सुधार का दावा

सरकार का दावा है कि 2017 से अब तक बेसिक शिक्षा विभाग में बड़े बदलाव हुए हैं—

27 लाख से ज्यादा बच्चों का नया नामांकन

स्कूल चलो अभियान को मिशन मोड में चलाना

पेयजल, शौचालय और बैठने की व्यवस्था में सुधार

हर जिले में 30 करोड़ की लागत से CM मॉडल कंपोजिट विद्यालय का निर्माण


विवाद क्यों?

विपक्ष का कहना है कि मर्जर से गांव के छोटे स्कूल खत्म हो जाएंगे, जिससे गरीब और दूर-दराज के बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होगी। वहीं, सरकार का कहना है कि यह कदम संसाधनों के बेहतर उपयोग और गुणवत्ता सुधार के लिए है।


क्या हर साल होगी शिक्षक भर्ती?

सदन में मंत्री ने यह स्पष्ट नहीं किया कि क्या हर साल नियमित शिक्षक भर्ती होगी, लेकिन कहा कि “जहां भी शिक्षक-छात्र अनुपात में गैप होगा, उसे पूरा किया जाएगा।”


Teacher Vacancy in UP और UP School Merger Policy आने वाले दिनों में भी चर्चा का विषय बने रहेंगे। विपक्ष इसे ग्रामीण शिक्षा पर हमला बता रहा है, जबकि सरकार इसे शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने की दिशा में उठाया गया कदम मान रही है।


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