TET विवाद पर शिक्षकों का गुस्सा फूटा, केंद्र सरकार की चुप्पी से बढ़ा विरोध — काली पट्टी बांधकर पढ़ा रहे शिक्षक

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सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी केंद्र सरकार द्वारा TET की अनिवार्यता पर स्पष्ट रुख न अपनाने से शिक्षकों में गहरा असंतोष है। बीटीसी शिक्षक संगठन ने काली पट्टी बांधकर विरोध शुरू किया और सरकार को चेतावनी दी कि यदि जल्द समाधान नहीं निकाला गया तो आंदोलन देशव्यापी होगा।


लखनऊ। सुप्रीम कोर्ट द्वारा टेट (Teacher Eligibility Test Diploma) की अनिवार्यता पर दिए गए आदेश को एक महीना बीत चुका है, लेकिन केंद्र सरकार ने अब तक इस पर कोई स्पष्ट नीति नहीं बताई है। सरकार की इस चुप्पी से देशभर के शिक्षकों में नाराजगी तेज हो गई है। वरिष्ठ बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन ने इस मुद्दे पर बैठक कर कहा कि यदि जल्द समाधान नहीं हुआ तो आंदोलन पूरे देश में फैल जाएगा।

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वरिष्ठ बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संतोष तिवारी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सरकार को तुरंत दिशा-निर्देश जारी करने चाहिए थे। लेकिन अब तक कोई कदम न उठाए जाने से बीटीसी प्रशिक्षित शिक्षक असमंजस की स्थिति में हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि आगे शिक्षकों का भविष्य किस दिशा में जाएगा।

अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ के आह्वान पर शिक्षक टीईटीडी की अनिवार्यता के विरोध में काली पट्टी बांधकर स्कूलों में पढ़ा रहे हैं। संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुशील कुमार पांडेय ने कहा कि शिक्षक अब कानूनी लड़ाई के साथ-साथ सड़कों पर उतरने की भी तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यदि केंद्र सरकार ने जल्द हस्तक्षेप नहीं किया तो आंदोलन का दायरा बढ़ा दिया जाएगा।

राष्ट्रीय महामंत्री दिलीप चौहान ने कहा कि 25 वर्षों से सेवाएं दे रहे शिक्षकों की अनदेखी अब और बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि वह इस विवाद का शीघ्र समाधान करे ताकि शिक्षा व्यवस्था बाधित न हो।

शिक्षक संगठनों ने प्रधानमंत्री और शिक्षा मंत्री को ज्ञापन भेजकर केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि वह टीईटीडी की अनिवार्यता पर स्पष्ट निर्णय लें। संगठनों ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने जल्द कदम नहीं उठाया, तो देशभर में शांतिपूर्ण प्रदर्शन और मौन जुलूस आयोजित किए जाएंगे।

बैठक में आमाद श्रीवास्तव, विनीत सिंह, शशि प्रकाश सिंह, राकेश तिवारी, मुस्लीम रशीदी, शिवेंद्र मिश्रा और सुरेश यादव सहित कई पदाधिकारी उपस्थित रहे।

मुख्य बिंदु:

  • सुप्रीम कोर्ट ने टीईटीडी की अनिवार्यता पर आदेश दिया था।
  • केंद्र सरकार का रुख अब तक स्पष्ट नहीं।
  • शिक्षक काली पट्टी बांधकर विरोध कर रहे हैं।
  • शिक्षक संगठनों ने प्रधानमंत्री और शिक्षा मंत्री को पत्र भेजा।
  • आंदोलन को राष्ट्रीय स्तर तक ले जाने की तैयारी।

निष्कर्ष:
टीईटीडी की अनिवार्यता पर केंद्र सरकार की चुप्पी से देशभर के शिक्षकों में असंतोष फैल गया है। शिक्षक संगठनों ने सरकार से जल्द हस्तक्षेप कर स्पष्ट नीति बनाने की मांग की है। यदि सरकार ने शीघ्र समाधान नहीं निकाला, तो यह विवाद राष्ट्रीय स्तर पर एक बड़ा आंदोलन बन सकता है।



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